बुज़दिल :-
हो गया जिंदगी मुझे जो होना था,
हर मोड़ पर मेरे तो, बस लिखा रोना था।
भूल के ये साडी दुनिया दारी ,
अब तो एक लम्बी नींद सोना था।
Kya krege jikr bhi, khoon ke aansu
pikr भी
Rah gujr gyi, zindi bsr gyi
Rote huy aaye or rote huye hi jana
Tha
हो गया जिंदगी मुझे जो होना था,
Hr mode pr mere to, likha bss rona
tha
आशावादी :-
लाख आये आंसू पलकों में। .. पर,
मैंने उफ़ तक न की ,
कांटे बिछे थे उस राह पर , जिसको ,
पाने कि , जुर्रत थी मैंने की।
बन न पायी मैं मोहरा उस क़ायनात के साजिश की ,
PAkkr ke hausle ki doori udd chli
main,
chhune unchhayi uss gardish ki.
kya paya mene vha , dekh kr m
hairan thi
Na koi apna praya, sbki soch saaman
thi
phir jana khel sara mene,
the vo hi log vha , jinke hauslo main udaan thi
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