शिक्षक की गोद में उत्थान पलता है
सारा संसार शिक्षक के पीछे चलता है
शिक्षक का बोया पेड़ बनता है
हजारों बीज वही पेड़ जनता है
काल की गति को शिक्षक मोड सकता है
शिक्षक धरा से अंबर को जोड़ सकता है
शिक्षक की महिमा महान है
शिक्षक बिना अधूरी वसुंधरा है
याद करो चाणक्य ने इतिहास बना डाला था
क्रूर मगध के राजा को मिट्टी में मिला डाला था
बालक चन्द्रगुप्त को चक्रवती सम्राट बना डाला था
बालक चन्द्रगुप्त को चक्रवती सम्राट बना डाला था
एक शिक्षक ने अपना लोहा मनवाया था
सदीपनी के गुरु सदियों से होते आए है
शिक्षक की निंदा करने से दुर्योधन बदनाम है
शिक्षक की दया दृष्टि से बालक राम बन जाते हैं
शिक्षक की अनदेखी से वह रावण भी कहलाते हैं
आओ हम संकलप करे की अपना फर्ज़ निभाएंगे ।
अपने प्यारे भारत को जगत गुरु बनाएँगे । ।
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