ब्लड बैंक टेक्नोलॉजी मेडिकल और क्लीनिक लैब टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में व्यापक श्रेणी में आता है। ब्लड बैंक टेक्नीशियन फ्लोबोटोमिस्ट के रूप में प्रशिक्षित किए जाते हैं। वे मरीजों के साथ कई सेटिंग्स, ब्लड को इकटठा करने और लेबलिंग करने का काम करते हैं। वे मेडिकल प्रयोगशालाओं और ब्लड बैंक्स में काम करते हैं, जहां वे संचरण के लिए डोनर से रक्त इकट्ठा करके स्टोर करते हैं। ब्लड का टाइप और कलेक्ट किया ब्लड सुरक्षित है या नहीं और ब्लड सवस्थ अणुओं के स्तर का परिक्षण करते हैं।
नेचर ऑफ़ वर्क : ब्लड बैंक टेक्नीशियन की ज्यादातर गतिविधयां कार्यालय आधारित होती हैं। वे ब्लड बैंक्स और प्रयोगशालाओं में ही काम करते हैं। डोनर से ब्लड लेकर उसकी बारीकी से रिसर्च करना, उस ब्लड का टाइप पता करने और खासकर वह ब्लड कितना सुरक्षित है, यह देखना और आपतकालीन समय के लिए उस ब्लड को स्टोर करने तक का काम ब्लड टेक्नीशियन का ही होता है। इसके अलावा अस्पताल की लेब में मरीजों के ब्लड की जाँच करना और उससे संबंधी जानकारियों को इकठ्ठा करना भी ब्लड बैंक टेक्नीशियन का काम होता हैं। इन सभी कार्यों के साथ-साथ टेक्नीशियन ब्लड का रिकॉर्ड भी तैयार करता है।
कोर्स एवं योग्यता : डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स इन ब्लड बैंक टेक्नोलॉजी के लिए भी संकाय व मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12 वीं पास होना अनिवार्य है। कोर्स के दौरान प्रैक्टिकल ट्रेनिंग में खाया ध्यान रखा जाता है, जिसमें उन्हें ब्लड सैम्पल्स की जाँच करना सिखाई जाती है और इसके अलावा ब्लड के हर एक जरुरी तत्व को समझाया जाता है। आपतकालीन स्थिति या किसी भी तरह की आपदा की स्थिति में किस तरह से निपटा जाए, यह भी कोर्स के दौरान सिखाया जाता है।
अवसर : यूं तो इस कोर्स में डिप्लोमा लेने के बाद हर राज्य में सरकारी व गैर सरकारी विभाग में नौकरी के लिए नए अवसर खुल जाएंगे। इसके अलावा अभ्यर्थी प्राइवेट अस्पताल या प्राइवेट लैब में भी काम करके खासा पैसा कमा सकते है। वर्तमान समय की अगर बात की जाए, तो मेडिकल लैब की बाजार में भरमार है, और बड़ी-बड़ी कंपनियां हर शहर में अपनी लैब खोल रही हैं। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंक्स में भी अभ्यर्थी नौकरी पा सकते हैं।
वेतन : डिप्लोमा और सर्टिफिकेट इन ब्लड बैंक टेक्नोलॉजी का कोर्स करने के बाद आप बतौर टेक्नीशियन किसी भी ब्लड बैंक स्पेशलिस्ट भी बन सकते हैं। इन्हें शुरूआती वेतन के तौर पर 10 हज़ार रूपये तक मिल सकते हैं। तजुर्वें के आधार पर वेतन में इजाफा होता चला जाता है। साथ ही खुद की लैब भी शुरू कर सकते हैं या किसी प्राइवेट लैब में भी उचित वेतन पर काम कर सकते हैं।
संस्थान
-महऋषि मार्कंडेशवर यूनिवर्सिटी, अंबाला
-शिवालिक इंस्टीटयूट ऑफ़ नर्सिंग, जालंधर
-दिल्ली परमेडिल एन्ड मैनजमेंट इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली
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